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दिवाली 2018 – deepavali date 2018
अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर ऐसे चार महीने जिसमें हिन्दुओं के बड़े-बड़े पर्व मनाए जाते हैं। फिर चाहे वो सितंबर की जन्माष्टमी हो या नवंबर की दिवाली पूजा। वैसे तो इन सभी पर्वों का हिन्दू धर्म में बहुत खास महत्व है लेकिन दिवाली एक ऐसा पर्व है जिसका इंतजार सभी बड़ी बेसब्री से करते हैं। क्योंकि इस दिन न केवल नौकरी करने वालों को उनका बोनस मिलता है बल्कि घर के बच्चों और बड़ों को नए कपडे खरीदने का भी अवसर मिलता है।
इसके अलावा यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही धन के देव कुबेर देव का पूजन भी दिवाली के शुभ अवसर पर ही किया जाता है। दिवाली के पर्व में लोग 1 महीना पहले से ही अपने घरों की साफ़-सफाई इत्यादि करते हैं। दिवाली का पर्व इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि इसमें लक्ष्मी पूजा, धनतेरस, भाई दूज, गोवर्धन आदि सभी पर्व एक साथ मनाएं जाते हैं।
धनतेरस – त्रयोदशी तिथि
5 नवंबर 2018, सोमवार
धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। जिसे दिवाली के 2 दिन पहले मनाया जाता है।धनतेरस के दिन कुबेर देव का पूजन किया जाता है। इस दिन घर के बाहर मृत्यु के देव यमराज के लिए यम दीप जलाया जाता है। माना जाता है इस दिन दीया जलाने से घर के सदस्यों पर अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। इस दिन सोना, चांदी के बर्तन, आभूषण आदि खरीदना शुभ माना जाता है।
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नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) – चतुर्दशी तिथि
6 नवंबर 2018, मंगलवार
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन सायंकाल के समय थोड़े से दीपक जलाएं जाते है। इस दिन को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
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दिवाली (लक्ष्मी पूजा) – अमावस्या तिथि
7 नवंबर 2018, बुधवार
दीपवाली, 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का मुख्य दिन होता है जिसमे लक्ष्मी पूजन किया जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन का बड़ा खास महत्व होता है। कहते है इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से लक्ष्मी पूजन करने से माँ लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। दिवाली के दिन लक्ष्मी जी के साथ गणेश और कुबेर देव का भी पूजन किया जाता है। इस दिन घर में बहुत सारे दीये जलाये जाते है। माना जाता है ये दीये अमावस्या की काली रात में प्रकाश फैलाने का काम करते हैं।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त– 17:57 से 19:53
प्रदोष काल– 17:27 से 20:06
वृषभ काल– 17:57 से 19:53
अमावस्या तिथि आरंभ– 22:27 (06 नवंबर)
अमावस्या तिथि समाप्त– 21:31 (07 नवंबर)
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गोवर्धन पूजा (अन्नकूट पर्व) – प्रतिपदा तिथि
8 नवंबर 2018, गुरुवार
गोवर्धन पूजा, दिवाली पूजा के अगले दिन मनाई जाती है। ये पर्व भगवान इंद्र पर भगवान् श्री कृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन गेहूं, चावल, कड़ी, और हरी पत्तेदार सब्जियां बनाई जाती है और उसे भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है।
भाई दूज (यम द्वितीय) – द्वितीय तिथि
9 नवंबर 2018, शुक्रवार
भाई दूज भाई-बहन का पवित्र त्यौहार है जिसे सभी बड़े प्रेम से मनाते हैं। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है और उन्हें माथे पर तिलक लगाती हैं। जिसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। रक्षा बंधन के बाद यह दुसरा पर्व है जिसे भाई बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भाई दूज 5 दिनों के दिवाली फेस्टिवल का आखिरी दिन होता है।
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